टारगेट एकाउंट्स – मंदी में भी कमाएं मुनाफा
टारगेट एकाउंट्स के संस्थापक CA संजय जसवानी और स्वीटी
उपाध्याय ने इस मंदी के दौर में अपने
प्रशिक्षुओं को लाखों का मुनाफा कराया।
टारगेट एकाउंट्स एक ISO एवं NSE द्वारा पंजीकृत कंपनी है, जहाँ प्रशिक्षुओं को वित्तीय साक्षरता और शेयर बाजार एवं रियल एस्टेट का ज्ञान देते हैं। संजय जसवानी, जिनके पास शेयर बाजार में 10 वर्षों का अनुभव है, उनका कहना है कि आजकल के दौर में शेयर बाजार तथा वित्तीय प्रक्रियाओं का ज्ञान होना बोहत आवश्यक हो गया है।
संजय कहते हैं, “शेयर बाजार आय के उन विकल्पों में से है, जो कि हर दौर और हर परिस्थिति से अछूते रहते हैं। शेयर बाजार के ज्ञान से लोग घर बैठके ही अपनी आय बढ़ा सकते हैं। कोविद-19 के इस कठिन समय में भी ये बाजार अपने ग्राहकों को निराश नहीं कर रहा है।”
टारगेट एकाउंट्स के प्रशिक्षुओं का कहना है कि वो इस मंदी
के दौर में ज्यादा आय घर बैठे ही कमा पा
रहे हैं। इसके अलावा इन प्रशिक्षुओं ने अपने लाभ और हानि विवरण भी टारगेट एकाउंट्स
के इंस्टाग्राम हैंडल पे साँझा किये हुए हैं।
टारगेट एकाउंट्स ने अपने आजतक के कार्यकाल में 1,800 से ज़्यादा लोगों को शेयर
बाजार का प्रशिक्षण दे चुके हैं। इस कंपनी के इंस्टाग्राम @targetaccounts पर शेयर बाजार के लगभग
50,000 शिक्षार्थी
ज्ञान प्राप्त करते हैं।
टारगेट एकाउंट्स की सह-संस्थापक स्वीटी उपाधयाय भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट @Investorgirl1998 पर अपने अनुयायियों को शेयर बाजार के बारे में ज्ञान देती हैं। स्वीटी जो की सरल वीडियोस के द्वारा शेयर बाजार के टिप्स अपने इंस्टाग्राम पे समझती हैं, उनका कहना है,” मुझे मेरे अनुयायियों की प्रगति और लगन देखके बोहत आनंद मिलता है। मेरी यही इच्छा है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक अपने ज्ञान को पहुंचा सकूँ।”
संजय एक प्रसिद्ध किताब के लेखक भी हैं। उनकी किताब ‘ हाउ टु अवॉयड लोस्स एंड
मेक मनी वॉयल स्लीपिंग’, अमेज़न पे सर्वश्रेष्ठ किताबों का दर्जा प्राप्त कर चुकी है।
इस किताब के लिए संजय को इंडिया स्टार अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका है।
इतना ही नहीं, स्वीटी उपाधयाय उपाधय को शेयर बाजार एवं वित्तीय साक्षरता के ज्ञान के लिए इस वर्ष ‘वीमेनस प्राइड’ पुरस्कार से नवाज़ा गया। स्वीटी उपाधयाय को अपने ज्ञान के कारण कई महाविद्यालयों एवं संस्थानों में भी भाषण के लिए आमंत्रित किया जाता है।
संजय, जो स्वयं एक अर्थशास्त्री हैं, वे किसी भी देश कि तरक्की
के लिए उसके नागरिकों कि आर्थिक साक्षरता पर ज़ोर देते हैं। उनका मानना है कि जो लोग
शेयर बाजार को जानते नहीं है, केवल वही इसे सत्ता या किस्मत कि बाज़ी मानते हैं।
संजय कहते हैं,” अमेरिका जैसे विकसित देशों की सफलता का एक कारण
ये भी है कि उनके नागरिक आर्थिक रूप से साक्षर हैं। वे शेयर बाजार को समझते हैं
तथा उसमे निवेश करते हैं। यही आंकड़ा विकासशील देशों में बोहत काम है, जिस कारण देश के विकास पे
भी प्रभाव पड़ता है।”
टारगेट एकाउंट्स का सपना यह है कि जैसे लोग स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, दिवाली, होली को उत्साह से मानते हैं, वे वित्तीय स्वतंत्रता के लिए भी एक दिन मनाएं जिससे भारत सफलता कि ऊंचाइयों को छू सके।
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